नई दिल्ली, 23 फरवरी 2025: देश की राजधानी में JIFF ट्रस्ट द्वारा आयोजित 8वां न्यू दिल्ली फिल्म फेस्टिवल (NDFF) 2025 का भव्य आयोजन 22 फरवरी को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में संपन्न हुआ। इस प्रतिष्ठित फिल्म फेस्टिवल में देश-विदेश के 250 फिल्मकारों ने हिस्सा लिया, जिसने भारतीय और वैश्विक सिनेमा के बेहतरीन पहलुओं को एक मंच पर प्रदर्शित किया।
विजेताओं की चमक
फेस्टिवल में अवॉर्ड्स का वितरण पूर्व उपाध्यक्ष FIAPF और IMPPA के अध्यक्ष श्री टी. पी. अग्रवाल, साथ ही NDFF और जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (JIFF) के संस्थापक हनु रोज ने किया। इस साल की सबसे चर्चित फिल्म ‘माँ काली’ ने बेस्ट फीचर फिक्शन फिल्म का अवॉर्ड अपने नाम किया। विजय यलकांति के निर्देशन में बनी इस फिल्म में राइमा सेन ने मुख्य भूमिका निभाई है। इसके अलावा अन्य श्रेणियों में भी बेहतरीन फिल्मों को सम्मानित किया गया:
- बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म: Brendan Gleeson’s Farewell To Hughes’s (निर्देशक: Ciarán Ó Maonaigh, आयरलैंड)
- बेस्ट एनीमेशन फीचर/डॉक्यूमेंट्री फिल्म: Outsider. Freud (निर्देशक: Yair Qedar, ऑस्ट्रिया)
- बेस्ट एनीमेशन शॉर्ट फिल्म: Baahubali: Crown of Blood Season 1 – Episode 6 (निर्देशक: जीवन जे. कांग, नवीन जॉन, भारत)
- बेस्ट शॉर्ट फिक्शन फिल्म: अंसुनी चिनखे (निर्देशक: पार्थसारथी महंत, भारत)
- बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म: The Poem We Sang (निर्देशक: एनी सक्काब, फिलिस्तीन)
- बेस्ट मोबाइल शॉर्ट फिल्म: Broken (निर्देशक: आयुष बंसल, भारत)
- बेस्ट वेब सीरीज: Your Democracy (निर्देशक: ग्लोरिया जेने’ ब्राउन-मार्शल, अमेरिका)
- बेस्ट स्क्रीनप्ले: Sons of Abraham (लेखक: जूलियाना मार्चैंड, अमेरिका)
‘माँ काली’ की कहानी ने बांधा दर्शकों का दिल
राइमा सेन अभिनीत ‘माँ काली’ ने अपनी संवेदनशील और गहरी कहानी से दर्शकों का ध्यान खींचा। यह फिल्म 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) की घोषणा के बाद एक बंगाली शरणार्थी शिविर में जश्न की पड़ताल करती है। कहानी एक युवा पत्रकार की नजर से 16 अगस्त 1946 को हुए ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ की भयावह घटनाओं को उजागर करती है, जिसने हिंदू बंगालियों के जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया। फिल्म को देखने के लिए दिल्लीवासियों की भारी भीड़ उमड़ी, जिससे इसकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
फेस्टिवल की खास झलकियां
अवॉर्ड सेरेमनी से पहले पांच बेहतरीन फिल्मों की स्क्रीनिंग आयोजित की गई, जिसने दर्शकों को सिनेमाई अनुभव से जोड़े रखा। फेस्टिवल ने न केवल पुरस्कारों के जरिए प्रतिभाओं को सम्मानित किया, बल्कि दिल्ली में फिल्म संस्कृति को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभाई।
उद्योग दिग्गजों ने की सराहना
टी. पी. अग्रवाल ने कहा, “पिछले चार दशकों से मैं सिनेमा इंडस्ट्री से जुड़ा हूं। एक समय था जब दिल्ली में फिल्म संस्कृति लगभग खत्म हो रही थी, लेकिन NDFF ने इसे फिर से जीवित कर दिया। मैं चाहता हूं कि अगला संस्करण 3 से 5 दिन का हो।” इस पर हनु रोज ने जवाब दिया, “हां, अगला संस्करण 3 दिन का होगा!”
एक यादगार समापन
NDFF 2025 के डायरेक्टर सतीश कपूर ने सभी प्रतिभागियों, दर्शकों और आयोजकों का धन्यवाद किया और अगले संस्करण में फिर से मिलने का वादा किया। इस फेस्टिवल ने सिनेमा प्रेमियों को यादगार पल दिए और दिल्ली को एक बार फिर फिल्म संस्कृति के नक्शे पर मजबूती से स्थापित किया।










