Category: खेल

  • IIFA और IPBL की ऐतिहासिक साझेदारी: भारतीय बॉक्सिंग को मिलेगा वैश्विक मंच!

    IIFA और IPBL की ऐतिहासिक साझेदारी: भारतीय बॉक्सिंग को मिलेगा वैश्विक मंच!

    भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड समारोह IIFA 2025 इस बार अपनी सिल्वर जुबली जयपुर, राजस्थान में धूमधाम से मनाने जा रहा है। इस ऐतिहासिक मौके पर IIFA ने इंडियन प्रो बॉक्सिंग लीग (IPBL) के साथ हाथ मिलाया है, जिससे भारतीय बॉक्सिंग को एक नई पहचान मिलेगी और इसे वैश्विक स्तर पर प्रमोट किया जाएगा।

    IIFA 2025 – ‘Silver Is The New Gold’

    8-9 मार्च 2025 को जयपुर में आयोजित होने वाले IIFA अवॉर्ड्स इस बार सिर्फ सिनेमा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि खेल जगत को भी एक अलग मुकाम देने जा रहा है। इस साझेदारी का मकसद भारतीय बॉक्सिंग को एक विश्वस्तरीय पहचान दिलाना और इसे एक स्पोर्टिंग और एंटरटेनमेंट स्पेक्टेकल में तब्दील करना है।

    Anthony Pettis की पावर-पैक एंट्री!

    इस ऐतिहासिक इवेंट में UFC लाइटवेट चैंपियन और MMA आइकन Anthony Pettis भी शिरकत करेंगे। वह IIFA वीकेंड और अवॉर्ड्स 2025 में विशेष उपस्थिति दर्ज कराएंगे, जिससे यह इवेंट एक ग्राउंड-ब्रेकिंग कॉम्बैट स्पोर्ट्स और एंटरटेनमेंट एक्सपीरियंस बनेगा।

    Anthony Pettis ने इस मौके पर कहा:
    “भारत में APFC (Anthony Pettis Fighting Championship) को लाना एक सपना सच होने जैसा है। IIFA अवॉर्ड्स के इस ऐतिहासिक इवेंट में भाग लेकर भारत में प्रोफेशनल बॉक्सिंग को एक नया मंच देना मेरे लिए बेहद खास है। यह सिर्फ एक इवेंट नहीं, बल्कि कुछ ऐतिहासिक करने की नींव है।”

    राणा दग्गुबाती भी होंगे इस अभियान का हिस्सा!

    प्रसिद्ध अभिनेता राणा दग्गुबाती, जो IPBL के स्ट्रैटेजिक पार्टनर भी हैं, इस पहल को लेकर बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने कहा:
    “यह सिर्फ एक बॉक्सिंग इवेंट नहीं, बल्कि एक आंदोलन की शुरुआत है। हम एक ऐसा भविष्य बना रहे हैं जहां भारतीय फाइटर्स ग्लोबल स्टेज पर मुकाबला कर सकें, और IIFA व Anthony Pettis के साथ मिलकर हम इस खेल को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।”

    IIFA 2025 में होगा स्पोर्ट्स और एंटरटेनमेंट का जबरदस्त संगम

    IIFA और IPBL की यह साझेदारी भारतीय खेल जगत और सिनेमा के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह आयोजन भारतीय बॉक्सिंग को न केवल भारतीय दर्शकों बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रमोट करेगा।

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  • आबुरोड रेलवे खेल मैदान में आरसीसीपीएल प्रीमियर लीग 10 का समापन समारोह का हुआ आयोजन हुआ !

    आबुरोड रेलवे खेल मैदान में आरसीसीपीएल प्रीमियर लीग 10 का समापन समारोह का हुआ आयोजन हुआ !

    फाइनल मुकाबले में बालेसर को हराकर जालोर बना चेम्पियन
    *आबुरोड रेलवे खेल मैदान में आरसीसीपीएल प्रीमियर लीग 10 का समापन समारोह का हुआ आयोजन हुआ !
    समस्त अखिल भारतीय चंडीसा राव समाज क्रिकेट प्रतियोगिता का मंगलवार को रेलवे खेल मैदान आबुरोड में रंगारंग शुभारंभ के बाद रविवार को समाज के भामाशाहों व समाज के मातृशक्ति व जनप्रतिनिधियो के उपस्थित में विजेता व उपविजेता टीम को पारितोषिक वितरण समारोह के साथ हुआ।समापन। जिसमें समारोह में सर्वप्रथम विद्या की मां देवी मां सरस्वती समक्ष दीप प्रज्जवलित कर। आगंतुक भामाशाहों व जनप्रतिनिधियों का माला व साफा पहनाकर सम्मानित किया गया। जिसमें कमेटी के सचिव अमरसिंह राव मोहब्बत नगर ने बताया कि Rccpl सीजन 10 संस्करण रेलवे खेल मैदान आबूरोड़ में सात दिवसीय क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन 24 दिसम्बर से लेकर 29 दिसम्बर के तक सफल आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न गांवों से राव समाज की कुल 25 टीमें भाग लिया। जिसमें क्रिकेट प्रतियोगिता में समाज के लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। 
    प्रतियोगिता में भामाशाह द्वारा सहयोग टूर्नामेट में ट्रॉफी के भामाशाह भंवर सिंह जी पुत्र स्वर्गीय भीकाजी राव आबू रोड,टूर्नामेंट में जल व्यवस्था विक्रम सिंह पुत्र खिमदान दगाणिया करमावास,बॉल की व्यवस्था नरेन्द्र सिंह पुत्र शिंभू सिंह पूर्व सरपंच बापिणी,नास्ते कि व्यवस्था हस्तिमलजी पुत्र स्व.शिवलालजी,लाईव प्रचारण के भामाशाह राव पर्वत सिंह पुत्र अर्जुन सिंह सेवाड़ी,साउंड की व्यवस्था मयुर  पुत्र चम्पालालजी भाटीया (सिनला)

    इस मौके पर अध्यक्ष अर्जुन सिंह सिवेरा,दुर्गेश कुमार भंवरलालजी बी राव,भवरलालजी एस राव, जगु भाई बेड़ा,गोपाल जी बीजापुर , राकेश कुमार सिवेरा,तीरथ जी राव, कल्पेश कुमार बीजापुर,मांगीलाल बेड़ा,भरत भाई सिवेराराव आरसीसीपीएल कमेटी संरक्षकओमप्रकाशसिंह मेड़ता,विक्रमसिंह नाना,किशोर भाई धानेरा,कैलाश सिंह फालना नेतृत्व में आयोजित प्रतियोगिता के अध्यक्ष अर्जुनसिंह सिवेरा उपाध्यक्ष कुन्दनसिंह जेतावाड़ा एवं नरपतसिंह वेलांगरी, सचिव अमरसिंह मोहब्बत नगर, महामंत्री कुंदन सिंह पालनपुर, संगठन मंत्री राजेन्द्रसिंह बाड़मेर,कोषाध्यक्ष कैलाशसिंह सेवाड़ी,मीडिया प्रभारी जयेश कुमार सिवेरा,हरिसिंह जालोर,अजयसिंह फूलन,शम्भुभाई थेरवाडा, राजेश कुमार निम्बाज ,दलपतसिंह, बाड़मेर (रजवाड़ पैलेस), देवीसिंह जसवंतपूरावीरेंद्र सिंह बापनी कमेटी के समस्त कार्यकर्ता समाज के भामाशाहों ग्रामीण व जनप्रतिनिधि अतिथियों मौजूद थे।

  • मिताली राज: शादी छोड़ क्रिकेट को चुना, ‘महिला क्रिकेट की लता मंगेशकर’ का संघर्ष

    मिताली राज: शादी छोड़ क्रिकेट को चुना, ‘महिला क्रिकेट की लता मंगेशकर’ का संघर्ष

    भारतीय महिला क्रिकेट की ‘लता मंगेशकर’ कही जाने वाली मिताली राज ने हाल ही में रणवीर अल्लाहबादिया के पॉडकास्ट पर अपने निजी और पेशेवर जीवन से जुड़े चौंकाने वाले खुलासे किए। 41 साल की मिताली ने बताया कि उन्होंने क्रिकेट के लिए शादी नहीं की क्योंकि उनके होने वाले पति ने उनसे क्रिकेट छोड़ने की मांग की थी।
    मिताली ने खुलासा किया, “मेरे होने वाले पति ने कहा था, ‘शादी के बाद आपको क्रिकेट छोड़ना पड़ेगा क्योंकि आपको बच्चों की देखभाल करनी होगी।’” उस वक्त मिताली भारतीय टीम की कप्तान थीं। उन्होंने दो टूक जवाब दिया, “मैंने अपने सपनों को इतनी मेहनत से हासिल किया है, इसे छोड़ नहीं सकती।”2009 वर्ल्ड कप के बाद मिताली ने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया था। “उस वक्त महिलाओं के क्रिकेट में ज्यादा मौके नहीं थे। मैंने सोचा कि यह आखिरी वर्ल्ड कप खेलकर छोड़ दूं,” मिताली ने कहा। लेकिन टूर्नामेंट के बाद उन्हें जो सराहना मिली, उसने उन्हें जारी रखने का हौसला दिया।

    “मैंने मां को कॉल करके कहा, ‘मैं अभी शादी नहीं करूंगी, मुझे दो साल और खेलने दो।’”मिताली ने क्रिकेट में पुरुष और महिला खिलाड़ियों के गुप्त रिश्तों पर भी खुलकर बात की। उन्होंने स्वीकार किया, “ऐसे कई गुप्त रिश्ते रहे हैं, मैं इससे इनकार नहीं करूंगी।”

    उन्होंने यह भी बताया कि कैसे पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome) और मासिक धर्म जैसी शारीरिक चुनौतियां उनके प्रदर्शन को प्रभावित करती थीं। 1997 में जब वह सिर्फ 13 साल की थीं और अपने पहले सीनियर वर्ल्ड कप कैंप में थीं, तब उन्हें अकेलेपन और असहजता के कारण क्रिकेट छोड़ने का मन किया था।
    मिताली ने एक इंडो-पाकिस्तान मैच के दौरान स्लेजिंग के बुरे अनुभव को भी साझा किया। “मेरे हाथ पर जानबूझकर चोट मारी गई। ये मेरे लिए पहला अनुभव था कि महिला क्रिकेट में भी ऐसी मानसिक और शारीरिक चुनौतियां होती हैं।”मिताली का जीवन उन लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणा है, जो समाज के बनाए ढांचे को तोड़कर अपनी पहचान बनाना चाहती हैं। “हमेशा पुरुष क्रिकेटर्स को सराहा जाता था। जब मुझे सराहना मिली, तो लगा कि आखिरकार मेरा संघर्ष रंग लाया,” उन्होंने कहा।
    मिताली राज का यह खुलासा भारतीय महिला क्रिकेट में मौजूद उन गहरी चुनौतियों को उजागर करता है, जिनका सामना खिलाड़ी अक्सर चुपचाप करती हैं। पुरुष क्रिकेटर्स को जिस तरह का समर्थन और सम्मान मिलता है, वह महिला क्रिकेट में दुर्लभ है, लेकिन मिताली जैसी दिग्गज खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत से इस भेदभाव को चुनौती दी है और नई पीढ़ी के लिए रास्ता बनाया है।

  • क्रिकेट का नया राजा , विराट कोहली के सम्मान में आस्ट्रेलिया की मीडिया ने रँगे हिंदी और पंजाबी में अपने पन्ने

    क्रिकेट का नया राजा , विराट कोहली के सम्मान में आस्ट्रेलिया की मीडिया ने रँगे हिंदी और पंजाबी में अपने पन्ने

    ऑस्ट्रेलिया में भारतीय क्रिकेट स्टार विराट कोहली ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अब उनकी छवि न केवल क्रिकेट के मैदान पर, बल्कि मीडिया के क्षेत्र में भी चमक रही है। हाल ही में, ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में विराट कोहली का कवर पेज पर कब्जा किया गया है, और वो भी हिंदी और पंजाबी में!ऑस्ट्रेलियाई अखबार द डेली टेलीग्राफ और द एडवरटाइजर नाम अन्य अखबारों ने विराट को कवर किया है.विराट कोहली ने साबित कर दिया है कि उनका कद क्रिकेट में इतना मजबूत है कि, एक देश ने हिंदी भाषा में उनका स्वागत किया है. ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने सब कुछ भुलाकर, सारी सरहदें पार कर अपने प्रतिद्वंद्वी का शानदार तरीके से स्वागत किया है. अखबार के कवर पेज पर विराट की फोटो के साथ लिखा गया है, युगों की लड़ाई. भारत का स्वागत है.

    विराट का अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव: विराट कोहली न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोकप्रियता के शिखर पर हैं। उनका क्रिकेट करियर उनके लिए दुनियाभर में सम्मान का प्रतीक बन चुका है। हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के प्रमुख पत्रिकाओं में कोहली की छवि हिंदी और पंजाबी में प्रकाशित हुई है, जो उनकी भारतीय जड़ों को और भी अधिक सम्मानित करती है।

    हिंदी और पंजाबी में कवर पेज की एंट्री: यह पहली बार नहीं है कि विराट कोहली को भारतीय भाषाओं में इस प्रकार की मान्यता मिली हो। लेकिन ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में उनकी इस प्रकार की कवर स्टोरी ने भारतीय दर्शकों के लिए विशेष महत्व हासिल किया है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो यह दर्शाता है कि विराट कोहली की लोकप्रियता अब सांस्कृतिक और भाषाई सीमाओं को पार कर रही है।

    विराट की वैश्विक अपील: विराट की इस सफलता से यह साबित होता है कि खेल की कोई सीमा नहीं होती। वे केवल एक क्रिकेट खिलाड़ी नहीं हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति, भाषा और भावनाओं के प्रतीक बन गए हैं। ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में इस तरह की कवर स्टोरी भारतीय भाषा में उनके प्रशंसकों और समाज को जोड़ने का एक तरीका भी है।

    निष्कर्ष: विराट कोहली का यह कदम उनकी वैश्विक अपील को और भी मजबूत करता है। हिंदी और पंजाबी भाषा में उनकी कवर स्टोरी से यह साफ होता है कि खेल और संस्कृति के बीच की दीवारें अब समाप्त हो रही हैं, और विराट इस बदलाव का हिस्सा बन चुके हैं।

  • बैटर बल्लेबाज पर गंभीर आरोप

    बैटर बल्लेबाज पर गंभीर आरोप

    सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग पर गंभीर आरोप, ऑस्ट्रेलियाई खिलाडी ने खोला राज़
    ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अपनी किताब ‘द शोमैन’ में मैक्सवेल ने दावा किया कि आईपीएल 2017 में सहवाग ने पंजाब किंग्स की प्लेइंग इलेवन के चयन में हस्तक्षेप किया, जबकि मैक्सवेल उस समय टीम के कप्तान थे। ईएसपीएन क्रिकइन्फो के अनुसार, मैक्सवेल ने कहा, “जब मैं सहवाग से टेस्ट सीरीज के दौरान मिला, तो उन्होंने मुझे बताया कि वह पंजाब किंग्स के कप्तान बनने की बात कर रहे थे। हमने एक साथ खेला है, लेकिन उनके रिटायरमेंट के बाद वह टीम के मेंटॉर बने थे। मैंने सोचा कि हम दोस्त बनते जा रहे हैं।”मैक्सवेल ने यह भी खुलासा किया कि 2017 सीजन में जे अरुण कुमार को बैटिंग कोच के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन असल में सहवाग ही टीम की सारी गतिविधियों का संचालन कर रहे थे। “अन्य कोच और खिलाड़ी मुझसे पूछते थे कि आखिर यह सब कैसे चल रहा है। मैं इस पर स्पष्ट उत्तर नहीं दे पा रहा था,” उन्होंने कहा।

    जब मैक्सवेल ने सुझाव दिया कि सभी कोचों के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाए ताकि विचार-विमर्श किया जा सके, तो सहवाग ने इस विचार को ठुकरा दिया। मैक्सवेल ने बताया कि जब पंजाब की टीम राइजिंग सुपर जायंट्स के खिलाफ 73 रन पर ऑलआउट हुई, तब उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिम्मेदारी लेने की पेशकश की थी। लेकिन सहवाग ने उस मौके पर टीम के खराब प्रदर्शन का ठीकरा मैक्सवेल पर फोड़ दिया।मैक्सवेल ने बताया कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उन्होंने सहवाग को संदेश भेजा कि उनके बयान से वह कितने आहत हैं। उस दिन के बाद, उन्होंने सहवाग को अपना आइडल मानना बंद कर दिया। सहवाग का जवाब था, “मुझे तुम्हारे जैसे फैन नहीं चाहिए।” इसके बाद, मैक्सवेल का कहना है कि उनकी सहवाग से कभी बात नहीं हुई, और उन्होंने यह महसूस किया कि उनके करियर का यह अध्याय समाप्त हो चुका है।